हिंदू धर्म में नामकरण संस्कार का क्या महत्त्व है ?

नामकरण संस्कार के बारे में स्मृति संग्रह में लिखा है- आयुर्वर्थोऽभिवृद्धिश्च सिद्धिर्व्यवहृतेस्तथा ।नामकर्मफलं त्वेतत् समुद्दिष्टं मनीषिभिः ॥ अर्थात् नामकरण संस्कार...

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माला में १०८ मनके ही क्यों होते हैं ? माला जपने का क्या औचित्य है ?

योग चूड़ामणी उपनिषद में कहा गया है - षट्शतानि दिवारात्रौ सहस्राण्येकं विंशति ।एतत् संख्यान्तितं मंत्र जीवो जपति सर्वदा ॥ अर्थात...

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