रात्रि के अंतिम प्रहर के तीसरे भाग को ब्रह्ममुहूर्त कहा जाता है। आयुर्वेद के अनुसार प्रात: 4 बजे से 5.30...
शुभ कर्म पूर्व दिशा की ओर मुंह करके क्यों किया जाता है?
पूर्व दिशा में सूर्योदय होता है और उदित होते सूर्य की किरणों का धर्म शास्त्रों में ही नहीं, विज्ञान में...