Breaking coconut on muhurat

नारियल शुभ, समृद्धि और सम्मान का प्रतीक क्यों माना जाता है ?

सामान्यतः आराध्य देवी-देवताओं को नारियल चढ़ाने से मनोवांछित फल प्राप्त होने की आशा के रूप में देखा जाता है। प्रायः नारियल को फोड़कर ही देवी – देवताओं पर चढ़ाया जाता है। मगर कुछ विशेष अवसरों पर पूरानारियल चढ़ाने का भी विधान है।

नारियल को भगवान शिव का परमप्रिय फल माना जाता है। इसमें बनी तीन आंखों की आकृति को त्रिनेत्र का प्रतीक माना जाता है। तंत्रशास्त्र के विधान के अनुसार नारियल की भेंट को मानव नर बलि के समान ही मान्यता प्राप्त है। तंत्र साधना में जिस स्थान पर मानव की बलि देने का विधान है, वहां पर नारियल की बलि देने से मानव की बलि के समान ही फल मिलता है। वास्तव में इसे मानव के सिर का पर्याय माना गया है।

पौराणिक कथाओं में नारियल को ‘कल्पतरु’ कहकर संबोधित किया गया है अर्थात् नारियल के वृक्ष से जो मांगा जाता है, वह मिल जाता है। यही नहीं, नारियल में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास माना जाता है। यही कारण है कि नारियल को शुभ, समृद्धि और सम्मान का प्रतीक माना जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *